गणेश जी की कुछ रोचक जानकारियां
हर युग में गणेश भगवान के अलग अलग रूप की आराधना की जाती रही है |
गणेश पुराण के अनुसार, सतयुग में उनका दस भुजाओं वाला सिंह की सवारी वाला विनायक
रूप, त्रेता युग में श्वेत वर्ण छह भुजाओं वाले मयूर की सवारी मयूरेश्वर रूप,
द्वापर युग में चार भुजाओं वाले लाल वर्ण व मूषक की सवारीवाले गजानन, कल युग में
दो भुजाएं वाले अश्व वाहन धूम्र वर्ण ध्रुमकेतु रूप प्रचलित है |
गणेश भगवान के कानो में वैदिक ज्ञान, मस्तक में ब्रह्म लोक, आँखों में
लक्ष्य, दाएं हाथ में वरदान, बाएं हाथ में अन्न, सूंड में धर्म, पेट में सुख समृद्धि,
नाभि में ब्रह्मांड और चरणों में सप्तलोक है |
महर्षि व्यास की महाभारत गणेश जी में लिखी थी| वे बोलते गए, गणेश जी
लिखते गए | लिखने के लिए उनके पास कुछ नहीं था तो उन्होंने अपना एक दन्त तोड़कर
महाभारत लिखी इससे वह एक दन्त कहलाये |
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